अगर कल हम न मिल पाए,
अगर कल कही नई दुनिया मे गउम् हो जाए ,
अगर कल का सूरज नज़र न आये,
अगर कल तारे चाँद से न मिल पाए ,
अगर कुछ भी अंजना सा लगने पाए ,
तो समझ लेना कही कोई
बदल सा रहा है ...
या तुम...
या शायद हम...
सोनल...
Tuesday, June 10, 2008
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